शनिवार, 3 दिसंबर 2011

इज़हार

खामोशी का कुछ मतलब ढूंढता रहा मैं
ये देखे बिना कि
तुम्हारी आँखें भी कह रही थीं कुछ ....


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(सुशील कुमार  ) 
दिल्ली 
दिसम्बर 3, 2011 

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