सोमवार, 17 सितंबर 2012

भूख लत है























अखबार में छपा था कि
तुरंत कार्रवाई होगी
उन इलाकों में
जहाँ भूख से हो रहीं हैं मौतें
आगे लिखा था
शिविर लगाया जायेगा
सबकी स्वस्थ्य जाँच होगी
और फ़ूड पैकेट बांटे जाएंगे


एक व्यक्ति का
मरने से पहले लिया गया
बयान भी छपा था
उसने कहा था कि
" पहले भूख मज़बूरी थी साहब
लेकिन अब लत है
और प्राण के साथ ही छूटेगी "

घरों में मिट्टी के बुझे चूल्हों में
राख-ही-राख बाकी है
लेकिन तंत्र बेखबर है कि
भूख जब लत बन जाती है
तब राख से भी जला ली जाती हैं मशालें

सालों तक अखबार छापता रहा
तुरंत कार्रवाई होगी
और जिनको भूख की लत थी
वे जलाते रहे मशालें

अखबार में फिर छपा कि
अब भूख से मौत की खबरें नहीं आती
अलबत्ता देशद्रोही करार दिए गए
और मुठभेड़ में मारे गए लोगों की
संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है

इस प्रकार हो रही है
तुरंत कार्रवाई
और साबित हो रहा है कि
भूख लत है
एक जानलेवा लत


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सुशील कुमार
17 -18 सितम्बर 2012 की रात
रांची से इलाहबाद जाते हुए ट्रेन में

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