तुम्हारे दमनकारी जूतों के इंतज़ार में
तैयार है विस्फोट के लिए
जिन्दा रहना ही जब सबसे बड़ा सवाल हो
तब विकल्प हो जाते हैं सिमित
और चुनना पड़ता है
भूख या बन्दूक
चुनना पड़ता है
जिन्दा रहने की चाह में
मौत का एक विकल्प
आत्महत्या या मुठभेड़
जिन्दा रहने की चाह में
मौत का एक विकल्प
आत्महत्या या मुठभेड़
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सुशील कुमार
दिल्ली
29 मई, 2013
सुशील कुमार
दिल्ली
29 मई, 2013
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