संभावनाओं का शहर
सुशील स्वतंत्र का ब्लॉग
सोमवार, 21 अप्रैल 2014
भय
उपवास भय से
आरती भय से
परिक्रमा भय से
जागरण भय से
भय तुमसे नहीं
तुम तक पहुंचाने वालों से
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सुशील कुमार
दिल्ली, 22 अप्रैल 2014
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