संभावनाओं का शहर
सुशील स्वतंत्र का ब्लॉग
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012
हम-तुम
हम वो हैं जिसका
कभी तुम्हे गुमाँ न हुआ
तुम वो हो जिसकी वजह से
हम मगरूर कहे जाते हैं जमाने में
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(सुशील कुमार)
फरवरी 7, 2012 दिल्ली
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